Beautiful thought

in #beautiful6 days ago

भाग्य दुर्भाग्य में तबदील होता चला गया ख्वाहिशों की पैदाइश के साथ साथ बर्ना
भोजन के साथ साथ भूख भी थी बिस्तर के साथ मीठी नींद भी थी और धन के साथ धर्म भी था ख्वाहिशों की बिमारी भूख नींद और धन सब उड़ा कर ले गयी ज़िन्दगी खुद से ही अंजान होकर ख्वाहिशों के अंजाम भुगतान करने में लगी हुई है।

crafto_1731763034441.png