सुप्रभात
"साहिल पे बैठा ... यूँ सोचता हुं आज,
कौन ज़्यादा मजबूर है....?
ये किनारा, ...
जो चल नहीं सकता,
या ...
वो लहर, ...
जो ठहर नहीं सकती...?"
“सच्चाई और अच्छाई की तलाश में चाहे पुरी दुनिया घूम लो..
अगर वह खुद में नहीं तो कहीँ भी नहीं.....”
“वो दोस्त मेरी नजर में बहुत मायने रखते है,
जो सही वक्त पर मेरे सामने *आईने रखते है.....”
🍁🍁🍁 सुप्रभात 🍁🍁🍁