भारत के पुराने एजुकेशन सिस्टम पर लार्ड मेकाले का बयान
1835 में लार्ड मैकाले ने भारत का दौरा किया और क्या पाया और क्या कहा - मैं पूरा भारत घूमा, वहां पर ना ही मुझे कोई भिकारी और ना ही मुझे कोई चोर मिला, मुझे किसी भी तरह से ना ही कोई धन की कमी दिखाई दी! वहां पर लोगों की मोरल वैल्यूज बहुत ऊँची है,
लोग बहुत इंटेलीजेंट है व उनका कैलिबर इतना ज्यादा है की हम उन्हें नहीं जीत सकते - जब तक की हम उनकी रीढ़ की हड्डी, उनके एजुकेशन सिस्टम को न तोड़ दें यानी उनकी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विराशत को खत्म न कर दें भारत को जीता मुस्किल ही नहीं असंभव है!
इसलिए मेरा (लार्ड मेकाले) प्रस्ताव है की उनके पुराने एजुकेशन सिस्टम व उनकी सांस्कृतिक विरासत को पहले खत्म किया जाए और उन्हें भरोसा दिलाया जाए की ये सिस्टम सही नहीं है! उन्हें भरोसा दिलिया जाए की इंग्लिश इससे ज्याद अच्छी है
और उनके पुराने एजुकेशन सिस्टम से अच्छी है ताकि उनका स्वाभिमान (आत्मसम्मान) खत्म हो जाये और अपनी मूल संस्कृति से भटक जाएँ! तभी जो हम चाहते है वो हो सकता है, यानी तभी हम उन पर हावी हो सकते है अन्यथा नहीं!
इस सब से आप क्या समझते है, यही के हमारा पुराना एजुकेशन सिस्टम आज के पस्चमी एजुकेशन सिस्टम से बहुत बहुत ज्यादा अच्छा था! यानी ट्रेडिशनल एजुकेशन वस मॉडर्न एजुकेशन सिस्टम को देखें तो किताबों में जो सिलेबस है
वो भी हिन्दू विरोधी, बच्चों को भटकाने वाला, सहिदों का अपमान करने वाला, इतिहास तो तोड़ मोड़ कर पेस करने वाला, सांस्कृतिक धरोहर व विराशत का अपमान करने वाला व कुल मिलाकर देश भक्ति की भावना पैदा करने वाला नहीं है!
जब तक एक विद्यार्थी को हम गुरुकुल का माहौल नहीं देंगे तो ये सब संभव नहीं है और विद्यार्थी के लिए ये 5 बातें बहुत जरुरी है!
काग चेस्टा, बको ध्यानम, स्वान निद्रा, अल्प आहारी, गृह त्यागी - विद्यार्थी पांच लक्षणम -
यानी एक विद्यार्थी को कोवे की तरह बार बार कोशिश करनी चाहिए जब तक की गोल अचीव ना हो जाये, पढाई पर बगुले की तरह ध्यान लगाना चाहिए, कुत्ते की तरह कच्ची नींद सोना चाहिए, कम भोजन करना चाहिए, घर को त्याग देना चाहिए - यही विद्यार्थी के पांच लक्षण/ विशेषतायें है
Good topic and content @suraj003322 .Our education system now a days is worst .