#######एक गुज़ारिश हैं तुमसे.!

in Poem lovers2 years ago (edited)

एक गुज़ारिश हैं तुमसे.!

एक गुज़ारिश हैं तुमसे के,
तुम बस इतना ही करीब आना,
के तेरे होने से खुश हो जाऊ,
पर ना होने पर सम्भल भी जाऊँ!
के तेरे मुस्कराने से दिन बन जाएँ,
पर तेरे चुप्पी से दिन गुजर भी जाएँ !
के बस तेरी बातें समझ जाऊ,
पर तेरी खामोशी से बिखर ना जाऊँ !

बस इतनी सी ही तो गुज़ारिश है की,
साथ निभा सको तब तक निभाना,
पर जब जाना हो तब,
बस बीच मझधार में मत छोड़ जाना।
के तुम तो चले जाओगे,
नए साथी बना लोगे,
पर हम तो वही ठहर जाएंगे,
उस पल में ही थम जाएंगे।

बस इतनी सी ही गुज़ारिश कर रहे हैं तुमसे,
के तुम करीब तो आना,
पर हमें बिखेर कर जा सकों,
इतना दिल लेकर मत आना।