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RE: सुख : स्वरूप और चिन्तन (अंतिम भाग # ४) | Happiness : Nature and Thought (Final Part # 4)
@mehta
जीवन में किसी को रूलाकर
हवन भी करवाओगे तो कोई फायदा नहीं
और
अगर रोज किसी एक आदमी को भी हंसा दिया
तो आपको अगरबत्ती भी जलाने की जरूरत नहीं!
hello Ican't India hhhhh
I dont understand what are you saying