You are viewing a single comment's thread from:RE: जिनवाणी -- धर्म : स्वरुप और सिद्धांत --- भाग #२View the full contextjsdjack (48)in #life • 6 years ago बहुत ही सही बात कही है। सब सत्रुओको जीत कर ही आत्मसाक्षात्कार होता है।