in search of success part 3.1
दूसरी सीख जो sir stephen से मिलती है वो ये कि जीवन से कभी शिकायत न रखो _हालातो की ताकत का इस्तेमाल करो। .... संघर्ष करते रहो और हालातो को सुधरने का यथासंभव प्रयत्न भी करो पर यदि कामयाबी न भी मिले यो भी शिकायत या पछतावा नहीं करना क्यूंकि ये निराशादायी है और तरक्की रोक देगा ,ये भी मैंने sir stephen से ही सीखा। stephen sir ने भी motor neuron disease का पता चलने के बाद इलाज शुरू कराया होगा ,थोड़े परेशान और चिंतित भी हुए जरूर होंगे sir stephen पर उनकी जीवनयात्रा को पढ़ कर जो मुझे महसूस होता है वो निराशा या चिंता तो कतई भी नहीं है,विशेषकर उन वैज्ञानिक तरक्कियों को पढ़ कर जो बीमारी के गंभीर रूप से फैल जाने के बाद उन्होंने की बिलकुल नहीं लगता कि उन्हें आने वाले कल की जरा भी चिंता या फिकर थी जैसी चिंता उनके सी परिस्थिति में फँसे किसी भी आम इंसान को आसानी से घेर लेती और यही बात आज उनके चले जाने के बाद भी उनके वयक्तित्व को बहुत खास बनाये हुए है _मेरा ख्याल है कि इसी बात ने उनकी उम्र बढ़ाई थी क्यूंकि ईश्वर उसे ही वास्तव में देते और दिलाते हैं जो खुद को उनके दान के योग्य सिद्ध कर देता है। ..... चिंता में पड़ा दिमाग चिंता से ही ठीक से लड़ ले तो ही बड़ी बात है। Sir Hawking द्वारा Brief history of time जैसी creation दे पाना इस बात का संकेत है कि वो भीतर से शांति से भरे थे न की चिंता से ,उन्होंने सिर्फ एक सेकंड में अपनी सब चिंताए जीत ली वो भी मन की ताकत के बल पर दिमाग को reset करके। ..... आगे sir stephen वैज्ञानिक बनकर ही जन्मेंगे और हो सकता है वो ढूंढने में जुटे ईश्वर को ,ईश्वर को ढूंढने के लिए भी उनके जैसा जिद्दी वैज्ञानिक ही चाहिए जो मन से ढूंढे तो good luck sir stephen आप जहाँ भी हैं आपको शुभकामना and Thank you sir ,आपसे सचमुच बहुत कुछ पाया। ....