मेरा पहला दिन
मेरी उम्र लगभग 5 साल थी मेरा पहला दिन था स्कूल में मेरा जाने का बिलकुल भी मन नहीं था
ऐसा लग रहा था जेसे कोई जबरदस्ती करेले की सब्जी खिला रहा हो
मेने फैसला कर लिया चाहे कुछ भी हो जाये पर मैं स्कूल नहीं जाऊँगा
अब थोड़ी देर में स्कूल बस भी आने वाली थी
मैं भी सोच रहा था कैसे स्कूल जाने से रुका जाये पर मेरी कुछ भी समज में नहीं आ रहा था
पापा भी पास ही खड़े थे
मैने तो नहीं जाने का प्लान बना रखा था
अब मैं सोच रहा था कि क्यों ना कुछ देर के लिये घर से बाहर चली जाउं
बाद मे घर आ जाऊंगा अब मैं भागने ही वाला था कि तभी बस का हॉर्न सुनाई देता है
पापा मुझे पकड़ कर बस की तरफ लेके जाते हैं
और मैं जोर-२ से रोने लगता हूं
और पापा मुझे बस में बिठा देते है
मेरी तो समजो जान सी निकल रही थी
लेकिन अब मुझे बचाने वाला कोई नहं था
ऐसे मेरा स्कूल का पहला दिन रहा