एक शे'र
एक शे'र
फ़ानी है शै हरिक यहाँ ये सबको है पता ,
हर शख़्स फिर भी जाने क्यूँ क़ैदे-हवस में है ।
राकेश 'नादान'
एक शे'र
फ़ानी है शै हरिक यहाँ ये सबको है पता ,
हर शख़्स फिर भी जाने क्यूँ क़ैदे-हवस में है ।
राकेश 'नादान'