रात चुप है मगर...

in #shayari3 years ago

रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं ,
कैसे कहूँ आज फिर होश नहीं ,
इस तरह डूबा हूँ तेरी मोहब्बत की गहराइयों में,
हथ में जाम है और पीने का होश नहीं।