कभी गम से गुजरता हूँ मैं तो कभी होता है सामना खुशी से, मुसाफिर हूँ मैं .............
कभी गम से गुजरता हूँ मैं तो कभी होता है सामना खुशी से, मुसाफिर हूँ मैं अकेला यहाँ भी, सफर कट ही जायेगा ये हँसी से, क्यों दुनिया की चाह करू मैं, क्या वास्ता रखूं फिर यहाँ सभी से,