You are viewing a single comment's thread from:
RE: जैन दर्शन : परमात्मपद-प्राप्ति की सामग्री - भाग # १
भाई आपने बहुत अच्छी बात कही जिसके हृदय में परमात्मा के प्रति सजीव प्रीति हो वो ही भगवान को प्राप्त कर सकता है ये बात सच है क्यों की परमात्मा के लिए सच्ची श्रद्धा ही मायने रखती है बहुत सारे लोग परमात्मा की पूजा धन प्राप्ति के लिए करते है और जैसे ही धन प्राप्त हुआ परमात्मा को भूल जाते है उनका मन लोभी हो जाता है और वो धन कमाने में लिप्त हो जाते है
आत्मा का ना आदि है न अन्त है. हमें सारी बातो को भूलकर सिर्फ परमात्मा में मन लगाना पड़ेगा, तभी सच्चे सुख की प्राप्ति होगी.
आपके comment के लिए धन्यवाद.
bhai english mein bi write karo , ????