जैन दर्शन : परमात्मपद-प्राप्ति की सामग्री - भाग # १

in #life6 years ago

परमात्मपद-प्राप्ति की सामग्री

संभवदेव हे धुर सेवो रे ।

भगवान संभवनाथ की इस स्तुति में महात्मा आनन्दघनजी ने जिज्ञासु और मुमुक्षु पुरुषों को यह हिदायत दी है कि मनुष्य-जीवन का सबसे पहला और सबसे उत्तम कार्य है परमात्मा की उपासना करना, सेवा करना । परन्तु सेवा करने से पहले सेवा का मर्म समझ लो । सेवा किस प्रकार की जाती है और उसके कितने भेद है ? सेवा के वास्तविक मर्म को समझे बिना सेवा करने से पूरी सफलता प्राप्त नहीं होती ।
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आगे चलकर इस स्तुति में बतलाया गया है कि कार्य की सिद्धि कारण के बिना नहीं हो सकती । कोई बहिन रसोई बनाना चाहे तो उसे आटे और पानी की आवश्यकता होती है । आटे और पानी के आभाव में शून्य से रसोई नहीं पकाई जा सकती है । दूध नहीं तो खीर कैसे पकेगी (यहाँ मेरे दूध से तात्पर्य पशु दूध से कदापि नहीं है)? कदाचित् दूध भी हो, शक्कर भी हो, चावल भी हो और आग भी विद्यमान हो, किन्तु बहिन जी नींद में निमग्न हों तो भी खीर नहीं पक सकती ।

तात्पर्य यह है कि खीर बनाने के लिए जितने कारणों की आवश्यकता होती है, उन सब की विद्यमानता में ही खीर बन सकती है । एक कार्य की सिद्धि के लिए अनेक कारणों की आवश्कता होती है । वे सब पृथक्-पृथक् ‘कारण’ कहलाते है और उन सब का समूह ‘कारण-सामग्री’ कहलाता है । कारण-सामग्री ही न्यायशास्त्र की परिभाषा में ‘करण’ कहा जाता है । ‘करण’ वह अतिशय साधक कारण है जो कार्य की उत्पत्ति में समर्थ होता है और जिसके होने पर कार्य की उत्पत्ति हुए बिना नहीं रह सकती ।

तो परमात्मपद की प्राप्ति होना कार्य है । इस कार्य की सिद्धि के लिए कारण की अनिवार्य आवश्यकता है । अगर अनुकूल और परिपूर्ण कारण जुटा लिये जाएं तो कार्य की सिद्धि अवश्य होती है ।

अब प्रश्न यह है कि जिसे परमात्मपद प्राप्त करना है, उसे किन-किन कारणों को जुटाना चाहिए ? उसे अभय, अदेव्ष और अखेद बनना चाहिए । अभय का अर्थ यहाँ मन की चंचलता का त्याग करना है । जिस लक्ष्य पर मन लगाया हो, उसे छोड़कर मन का अन्यत्र न जाना, उसी लक्ष्य पर स्थिर रहना अभय है । परमात्मपद की प्राप्ति के लिए यह गुण होना आवश्यक है ।

परमात्मा को वही प्राप्त कर सकता है जिसके हृदय में परमात्मा के प्रति सजीव प्रीति हो और वह हृदय सरोवर में निरंतर हिलोरें मार रही हो । ऐसा नहीं कि जितनी देर व्याख्यान सुनते रहे, उतनी देर तक परमात्मा का नाम प्यारा लगा और ज्यों ही बाहर गए कि दुनिया के चक्कर में पड़ गये, भगवान को भूल गये और पैसा ही परमात्मा से बढ़ कर दिखाई देने लगा । ऐसी चंचल वृत्ति ही भय है । परमात्मा की प्राप्ति के लिये इस भय को – चंचलता को त्यागना अत्यंत आवश्यक है । ‘जमना गये जमनादास, गंगा गये गंगादास’ की कहावत चरितार्थ करने वाले परमात्मा के स्वरूप को प्राप्त नहीं कर सकते । अतएव अपने लक्ष्य को स्थिर करो और सदैव उसे अपनी दृष्टि के सन्मुख रखो । जो अपने लक्ष्य के प्रति एकनिष्ठ है, पल-भर भी उसे नहीं भूलता, वाही सिद्धिलाभ कर सकता है ।

जिस भाई को व्यापार के लिये कलकत्ता जाना है, वह दिन-रात उसी उधेड़बुन में रहता है । कहाँ ठहरना, कहाँ दुकान करना, किसके साथ सम्बन्ध स्थापित करना आदि बातें उसके दिमाग में चक्कर लगाती रहती है । वह उसी में एक-लक्ष्य हो जाता है । रास्ते में जाते वक्त भी अनेक प्रकार की उसी सम्बन्ध की कल्पनाएँ करता जाता है । चाहे दिन हो या रात हो, सोते, बैठते, खाते, पीते उसका ध्यान व्यापार की ओर ही लगा रहता है । जैसे लोभी मनुष्यों का मन, धन में लीन रहता है, उसी प्रकार सच्चे भक्त का मन परमात्मा में लगा रहता है । इस प्रकार कोई भी सांसारिक या शारीरिक क्रिया करते समय जिसका चित्त परमात्मा के साथ जुड़ा रहता है, वही वास्तव में अभय है । ऐसा अभय भक्त समस्त संसारिक भयों, पीडाओं और क्लेशों से अतीत हो जाता है । वह संसार में रहता हुआ भी संसार से अलिप्त होने के कारण निर्भय है ।

इससे आगे की बात अब अगली पोस्ट में करेंगे ।

परमात्मपद-प्राप्ति की सामग्री की Steeming

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I don't understand what you want to show? Please, explain.
This type of graph will not show how much any steemians sell upvote?
Also paste your sell votes graph and self vote graph and earning made by selling votes. I think it may heart you, but this the realty.
These graph only shows self and others. What is wrong/right in this?
Keep working on good productive things not distracting things.

Theses graphs indicate that the account @veganomics is dedicated to just voting for you. That is so sad coming from a vegan. @veganomics should learn to spread the love. We all need to support each other with kindness and love. Please think about voting for others.

That is so sad coming from a vegan. @veganomics should learn to spread the love.

@mightyblueberry what do you understand by love? Do you think distributing free money is what love means? Why can't a "vegan" earn money and is expected to distribute as a form of love & kindness? Please explain. Your statement seems prejudiced and offensive to me.

Love can come in many forms and can be expressed in many ways. To love another human being is to be sincere in gesture. Love is not always about saying nice things but quite often about helping someone develop as a human being.

My comment is in response to @veganomics actions in supporting predominantly just one account. Steem is a community where we should help more than just the few. I mention veganism as a true vegan believes in spreading kindness as far as possible. We believe in more than just ourselves or our closest friends and family. We believe in spreading love across species.

I am sorry if my statement offended you. I do not mean any offence by my actions. I think you misunderstood because you are a bit stupid. Hope you have a nice day.

Dear smart & intellectual @mightyblueberry, kindly note that "upvotes" & "downvotes" are not related to love or hatred. It's your personal inference. These are just tools for executing the "Proof of Brain" eco-system on this blockchain. There are several other ways to express your love. I don't see any action of @veganomics resulting out of any hatred. Sometimes people over-analyse things.

I'm happy to be a stupid. IMHO, stupid people have better chance to know love than intellectuals. Probably, you know that love is a subject of heart, not brain.

May you be blessed with the eyes to see others' hearts!

Thanks for the compliment @xyzashu. Trust me I am not that smart, I would put myself as about average intelligence. I suppose most people appear very intelligent to you by comparison.

Just to clarify, I see no hatred in @vegonomics actions. I just see an account dedicated to upvoting one other account; that account being @mehta. @veganomics can do whatever she likes with her upvotes. Like I can say whatever I like in my comments. These few comments have been to highlight the behaviour of the @veganomics account as well as explain the graphs in the first comment by@matt-a.

I hope you understand what I am saying now. I know Steem can be difficult to grasp for people with average intelligence. So I fully sympathise with a man such as yourself who most likely has a very serious learning disability.

@mightblueberry
If you only think that free upvote is a love, It is not completely true. By the way, veganomics was already giving free upvotes to many steemians (You both @mightblueberry and @xyzashu can check the upvote pattern of veganomics). You have only objection for it gives upvote to me not for others. So now it will not give much upvote to me.
Now, Happy. Cheers!
Please, analysis properly the account veganomics was already gives free upvotes to anyone with approximate no. of same quantity to me, I have the largest share. Example if veganomics gives 20 votes daily, 10votes for me and 10 votes for others. You can check 3 months data.

it is very good analysis about god. it is very hard to get god. if we do good job it is easy also .with fresh mind praying god regularly. and to help helpless people is the real way to the god. i think so.

@kuberman
आप बिल्कुल सही सोच रहे है, जरूरतमंद लोगों की सहायता करना ही सबसे बड़ी सेवा / आराधना है.
भक्ति और निःस्वार्थ भाव से की सेवा ही हमें परमात्मा में लीन कर सकती है.

Parmatma aur Atma ke bich yahi El dhaga hai ki hum apne see bade logo ka Dil aur Seva bhav k sath rahe..
Sachhi Seva bhav hi sachha ashirwad hai.
Parmatma ka Atma ke liye..
Bahut sunder aapne ye slok likha aur samjhaya hai.
Thanks @mehta ji aapk baare me thodi jankari mil sakti h. Jaise aapka Facebook account aur aap kaha rehte hai.
Aapse Steemit par milkar achha laga.
Bahut Kam log aap jaisi soch wale milte hai..

Posted using Partiko Android

@devkapoor423 जी आपका इतने विस्तृत समीक्षा के लिए धन्यवाद.
आजकल आप जैसे अच्छे समझदार लोगों की कमी नहीं है जो इन बातों को अच्छे से समझते है. सच्चे मन से किया काम ही आत्मा को परमात्मा से मिलाता है.
मैं facebook ज्यादा काम में नहीं लेता हूँ. उदयपुर में रहता हूँ.

सुविचार मेहता जी,

मन से सदैव प्रभु का विचार करते रहो तो अन्य विचारों के लिए जगह ही नहीं बचेगी ।

धन्यवाद।

हाँ , सही कहा आपने. यदि हम सदैव प्रभु का स्मरण करते रहे तो अन्य विचारों / कामों के लिए जगह ही नहीं रहेगी.

भाई आपने बहुत अच्छी बात कही जिसके हृदय में परमात्मा के प्रति सजीव प्रीति हो वो ही भगवान को प्राप्त कर सकता है ये बात सच है क्यों की परमात्मा के लिए सच्ची श्रद्धा ही मायने रखती है बहुत सारे लोग परमात्मा की पूजा धन प्राप्ति के लिए करते है और जैसे ही धन प्राप्त हुआ परमात्मा को भूल जाते है उनका मन लोभी हो जाता है और वो धन कमाने में लिप्त हो जाते है

आत्मा का ना आदि है न अन्त है. हमें सारी बातो को भूलकर सिर्फ परमात्मा में मन लगाना पड़ेगा, तभी सच्चे सुख की प्राप्ति होगी.
आपके comment के लिए धन्यवाद.

bhai english mein bi write karo , ????

सही बात है आखिर आत्मा को परमात्मा से ही मिलना है मगर इसके लिए पहले हमे सही रास्ता तो पता चलना चाहिए?

यही तो बताने की कोशिश कर रहा हूँ. और जो आप कह रहे है कि आत्मा को परमात्मा से मिलना ही है पर कब? ये तो हमारी भक्ति पर निर्भर है. इसलिये भक्ति करिए और खो जाइये.

Aap ki post ka mere pas ek hi jawab hai Kabir Das ji ka Doha-
Jin dhoodha tin paeya, Gahare pani paith.
Mai bapura budan dara, Raha kinare baith.

आपके इस अदभुत comment के लिए शुक्रिया. आप बड़े ज्ञानी आदमी लगते है.
रोज steeming करते रहिए.

Mai steemit ke bare me kuchh jyada nhi samjh pa raha hun. Kripya Hindi me samjh ne me sahayata kijiye.

@mehta i want to ask you one thing other than this topic plz help me

one thing is that if i write a blog then what is the best time to use bots on my blogs considering to take profit as much as more profit .

and my second question is that may i know more about @veganomics. how it works ?

plz tell me about these two topics .

आपके प्रश्नों के जवाब मेरी ओर से ये है

  1. बोट use करने का सही समय जितना जल्दी हो सके वो है. जैसे पोस्ट डालते ही ले लो. नहीं ले सको तो पहले 10 मिनिट में ले लो, नहीं तो 20 मिनिट में ले लो और नहीं तो 30 मिनिट में ले लो. जितना जल्दी लोगे आपको उतना ही फायदा होगा. 30 मिनिट के बाद तो कभी भी लो एक ही बात है. उम्मीद करता हूँ आपको मेरी बात समझ में आ गयी होगी.
  2. आप veganomics के बारे में क्या जानना चाहते है, मेरी समझ में नहीं आया.

@mehta thank you . i want to ask that how @veganomics work? is he people like us only? how does he upvote on your all blogs. why don't veganomics post a blog?

@veganomics ye kaisa bot hai. Aur kaise use karte hai..
Kyoki ye aapke sabhi post par voting hamesha karta hai to ye bot hai ya human..

Posted using Partiko Android

@mehta Ji , kya aap bata sakte hai ki me hindi me steemit pe post kese kar sakta hu . kya hindi me typing ho sakti hai steemit pe .
Sir show your photograph I am trying to shoot photograph of my village . please watch my photograph & suggestion me .

आप हिंदी में भी टाइप google language tool download कर, कर सकते है. उसमे हिंदी और इंग्लिश का option है, जो चाहे उसे चुन ले, फिर बस लिखते /type करते रहे.

@mehta , Thanks Sir For Reply Me , I am try to write in Hindi By This Tool .

Every time you surprise us with your lovely writing.
One post is enough for whole day motivation for life.👍👍👍👍👍
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@ashokmandal
क्या बात है आपके comment की, जितनी भी तारीफ़ करे कम है.
आपका लिखने का अन्दाज जोरदार है.